योगा डे 2023,क्यों खास है इस बार का योगा दिवस in hindi
भारत विभिन्न संस्कृतियों वाला देश है ऐसा कहा जाता है कि भारत की संस्कृति प्राचीन काल से है अत्यंत आत्मनिर्भर था यही आयुर्वेद चिकित्सा की शुरुवात चरक दुवारा की गई ऐसे है ना जाने क्या क्या खोजे भारत में हुए और न जाने कितने तेजस्वी व्यक्तियों ने इस ही धरती पर जन्म लिया । लेकिन उनके अथक प्रयासों और परिश्रम का फल या यूं कहें उसका श्रेय उनको नही मिल सका लेकिन आज वर्तमान समय में भारत एक उभरती अर्थव्यवस्था और नवीन कार्यों के विश्व भर में अपनी प्रसिद्धि प्राप्त कर रहा है
योगा डे की शुरुवात और क्यों खास है भारत के लिए इस बार का योगा डे
जिनमे से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिनके प्रयासों से 27 सितंबर 2014 को अंतरराष्ट्रीय बैठक में अमेरिका ने योगा डे को मंजूरी दी। जिसके परिणाम स्वरूप 21 जून 2015 को पूरे विश्व भर में पहली बार अंतरास्ट्रीय योगा डे मनाया गया।
इस बार का योगा डे भारत के लिए अत्यंत खास होने वाला है क्योंकि इसबार वर्ष 2023 को भारत G -20 की भी मेज़बानी कर रहा है इस दृष्टि से इस बार का योगा डे भारत के लिए बहुत खास हो जाता है क्योंकि योगा डे की शुरुआत भी भारत में ही हुई थी जो कि इस दिन को और खास बनना देता है।
योगा के जनक और कहा से ली गई परिकल्पना
कहते है भारत आस्था से जुड़ा देश है जहाँ विभिन्न प्रकार के धर्म परम्पराये निवास करती है।
देवो के देव महादेव जिहोने अपने जप तप से योग की शुरुआत की इन्ही का ही स्वरूप है भगवान नटराज जिनकी प्रतिमा आज भी विश्व भर के प्रसिद्ध स्थलों पर लगाई जाती है जो नृत्य प्रमियों के लिए बेहद खास है । हालांकि योग का जनक महर्षि पतंजलि को कहा जाता है।योगा की शुरुवात अर्थात उसके जनक महर्षि पतंजलि को माना जाता है जिन्होंने अष्ठांग की सुरुवात की उनके दुवारा ही अल्प प्राण महा प्राण प्रडयाम की शुरुआत की गई । इन्ही के नाम पर महर्षि पतंजलि योगपीठ की शुरुवात की गई।
योगा डे 21 जून को ही क्यों
यदि भौगोलिक दृष्टि से देखे तो इस दिन उत्तरी गोलार्द्ध में दिन सबसे बड़ा होता है जिसके कारण इस दिन का चुनाव किया गया।
थीम:
इस बार 2023 में योगा डे की थीम "वसुधैव कुटुम्बकम" रखी गई है इसके अर्थ है कि पूरी पृथ्वी ही हमारा घर है ।अर्थात हम एक है जो हमे मिलजुल कर रहने का संदेश देती है।
कैसे खास बनाये योग डे
विश्व भर में 21 जून को योगा डे के तौर पर मनाया जाता है । इस दिन सभी व्यक्ति अपने घर की छत, पार्क आदि जगहों पर जाकर खुले में योग करने का का संदेश देते है इस ही तरह बच्चे भी अपने स्कूल कॉलेज में योग करना सीखते है जिसके लिए बड़े बड़े आयोजन भी किये जाते है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस के महत्व को समझ सके ।
बड़ो के लिए योगा : ऐसे तो सूर्य नमस्कार सभी को सीखना चाहिए परंतु किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही सूर्य नमस्कार सीख कर करना जाहिए। इसके अतिरिक्त भ्रामरी प्राणायाम करने के मस्तिष्क को शांति मिलती है आज बढ़ते काम के प्रेशर को देखते हुए हमें भ्रामरी प्राणायाम करना चाहिए।
बच्चों के लिए : बच्चो के लिए ताड़ासन सबसे अच्छा है जो बच्चो के शरीर के बढ़ने में मदद करता है वृक्षआसान आदि भी बच्चो को कराया जा सकता है।
जिनको ज्यादा कुछ नही आता वहा अनुलोम -विलोम , प्रणायाम , त्राटक कर अपना धयान केन्द्रित करना सीख सकते है। और यदि वह यह भी नही कर सकते वह केवल विश्राम अवस्था में बैठ कर ॐ मंत्र का जाप करते हुए अपना ध्यान दोनों भौवो के बीच केंद्रित करने की कोशिश कर सकते ही इसे करने से मन भटकने की समस्या से छुटकारा मिलता है और मन शांत होता है।
इन सबके पश्चात यदि आप इन सब विधियों में स्वयं को सहज महसूस नही कर पा रहे है तो आप साधारण पीटी से भी काम चला सकते है ।
योगा करे स्वस्थ रहे मस्त रहे।
धन्यवाद!
कहा है चंद्रिका देवी मंदिर और क्या है देवी मंदिर की महीमा जानने के लिए क्लिक करें।

No comments
Post a Comment