बे fikra इश्तिहार

Saturday, December 14, 2024

लैंगिक अधिपत्य और न्याय

यू तो न्यायालय न्याय हमारे संविधान का सहारा लेकर न्याय करती है परंतु जिस प्रकार ज़ुल्म करने वालों की मानसिक स्थिति आक्रामक और व्यक्तिगत तुष्टिकरण से अधिक युक्त हुई है। 


उससे तो वर्तमान में अब हमारा पुराना संविधान कुछ नरम सा नज़र आता है । स्वागत है आपका uveeright पर जहां आज हम पुरुषों पर हुए प्रताड़ना के बारे में चर्चा करने वाले है जो नया नहीं है बस गंभीर चर्चा अब हुई है।
हमारे देश में महिलाओं को मानवता रक्षक के तौर पर संविधान में सबसे ज़्यादा नर्म और अधिक सुविधाएं प्रदान की है परंतु वर्तमान में यही सुविधाएं कही न कही ज़ुल्म को बढ़ावा दे रही है।  कुछ ऐसे ही मामले वर्तमान में सोशल मीडिया के माध्यम से जनता तक सामने आ रहे है। जिसमें ताज़ा मामला अतुल सुभाष के रूप में सामने आ रहा है। जिसमें पत्नी द्वारा प्रताड़ित किए जाने पर आत्महत्या का मामला सामने आया । यह घटना किसी भी सहनशील पुरुष प्रधान व्यक्ति की मानसिक और भावात्मक तौर पर सहन सकती को साफ साफ बया करने के लिए काफी है।परंतु  यह कोई पहली बार नहीं है कि किसी पुरुष के साथ ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले हुए है जो सामने तो आए परन्तु समय रहते दबा दिए गए।  जिसमें  कार्य स्थल, परिवार, समाज में भी कई ऐसी घटनाएं होती है जिसमें पुरुष होने के नाते और महिलाओं का संविधान का दुरूपयोग के कारण दबा दिए जाते है। 
 आज महिलाओं का शस्त्र कहा जाने वाला संविधान जिसका महिलाएं स्वयं ही दुरुपयोग कर अन्याय को बढ़ावा दे रही है । जिससे कही न कही अब बदलाव की आवश्यकता को साफतौर से महसूस किया जा सकता है। ताकि इस तरह की सहनशीलता को और कष्ट न पहुंचे। जहां संविधान में महिलाओं को ज़्यादा लाभ दिया दिया है जिसके तहत कई कमज़ोर महिलाओं को लाभ भी  पहुंचा है। महिलाओं के शोषण में भी कमी आई है, आज महिलाएं किसी भी शोषण के खिलाफ न्यायालय जा सकती है और अपनी शिकायत भी दर्ज कर सकती है। परंतु कुछ महिलाएं इस व्यवस्था को साधने की कोशिश करती है। जहां आज भी कुछ महिलाएं यूंही ज़ुल्म को सह रही है न्यायालय तो दूर की बात पुलिस स्टेशन तक नहीं जाती यूंही ज़ुल्म सह कर पूरा जीवन काट देती है । वहीं कुछ महिलाएं अपनी शिक्षा और उच्च स्तर का फायदा  उठा कर ज़ुल्म और प्रताड़ना को बढ़ावा देने में  कामयाब है । जिसका मेन कारण न्याय का वही पुराने समीकरण का उपयोग किया जाना भी है। 
इन सबमें आज भी कमजोर महिलाएं न्याय को तरस रही है। आज भी प्रताड़ित पुरुष शांत है । फायदा केवल साधने वाले को की है। आज यह कहना गलत नहीं है कि जिन्हें सक्षम बनाना था आज वही महिलाएं शोषण पर उतर आई है। आज सहनशील पुरुष दयनीय स्थिति में है, और राक्षस प्रवृत्ति वैसे ही फलफूल रहे है। फिर चाहे वह पुरुष हो या महिला 

दोषी सिर्फ दोषी     आज जिस प्रकार मानवता अपनी सौम्यता खोती जा रही है ज़ुल्म करने वाला अपने सबसे क्रूर भाव का उपयोग कर रहे है वह अब न्याय में  भी लैंगिक सामान्यता के दृष्टिकोण को अपना लेना चाहिए जहां दोषी को अपने कर्म के अनुसार सजा देनी चाहिए न कि महिला और पुरूष के आधार पर। 
वरना हम आज उस दहलीज के बेहद करीब है जहां पुरूष तख्ती लिए " वी वांट जस्टिस " करते नजर आ जाएंगे। ये सब  अभी तो कुछ नहीं है यदि परिवर्तन न किए गए तो समस्या और भी गंभीर हो सकती है। 


 

Friday, August 16, 2024

इंसाफ के लिए बिलख्ता कोलकाता

देश के कोलकाता शहर में  9 अगस्त देर रात हुई महिला डॉक्टर मामले में आज जिस देश को एक बड़े आंदोलन को चलाने की आवश्यकता पड़ रही है यह देश की बेहद  दयनीय स्थिति को दर्शाने के लिए लिए काफी है। 

जहा आज इतने मुश्किल समय में युवा सिनेमा हॉल में जिस तरह अभिनेताओं के कैरियर में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उससे हम देश के भविष्य का अंदाजा लगा सकते है। 

तुम आज़ाद नहीं जब तक तुम्हारे ख्वाब आजाद न हो,

तुम आजाद नही जब तक तुम्हारे शब्द बेबाक न हो

 आसमा में उड़ते तो पक्षी हज़ार है पर आजाद नही,

बंधी है पैरो में हजारों अनकही सी बेड़ियां जो दिखती नही, खुदकी स्वतंत्रता का क्यों तुम्हे आभास नही ,

तुम उठो खुद पर विचार करो 

किसी दूसरे की मर्जी के तुम मोहताज नही। 

कुछ इन्हीं शब्दो की तलवार से उठ खड़ी हुई महिला एक बार फिर डर और दर्द के साय में सहमी सी नज़र आ रही है ।  

अब ये सब शब्दो के कोई मायने नहीं रखते जहा इंसाफ व्यवस्था डर के साए में काम कर रही है।

स्वागत है आपका uveeright पर

आज शब्द तो आज़ाद है पर कानून अंधा और बेहरा हो चुका है आज ख्वाब आजाद तो नज़र आ रहे है पर सुरक्षा विकलांग है। हमारा प्यारा भारत जिसे वीर सैनिकों ने अपने जीवन के बलिदान से आज़ाद कराया आज वही रोज़ किसी न किसी प्रोटेस्ट की आग में जलता नजर आ रहा है । 

 आज देश में कही न कही किसी न किसी कारण से आंदोलन होना तो आम सी बात है फिर मामला चाहे कितना भी संजीदा क्यों न हो एक आलोचक जब अपनी नाराज़गी जाहिर करने अपनी बात रखने में हिचकने लगे है ऐसे में हम क्या ही आशा कर सकते है की किसी समस्या का कोई हल निकलेगा मामला कुछ दिन तक प्रकाश में आने के बाद स्वत ही दब  जायेगा या दबा दिया जायेगा कहना गलत नही है । ऐसे है बेहद डरा देना वाला मामला कोलकाता में भी हुआ है जिसमे महिला डॉक्टर के साथ हुई बेहद शर्मनाक घटना 9 अगस्त को सामने आई जिसमे महिला के साथ हुए रूह कपा देने वाली घटना जिसमे एक जीवन दायनी महिला डॉक्टर के साथ कई लोगो ने मिलकर उसकी अस्मिता को तार तार कर  कई बार  उसके साथ दुष्कर्म किया । यह घटना इतनी दर्दनाक है यह घटना इतनी  बर्बरता से अंजाम दी गई की इसे शब्दो में बयान कर पाना मुश्किल है । फिर कुछ दिनों बाद उत्तराखंड लखनऊ के पीजीआई, वही एक छोटी बच्ची के बारे में भी ऐसी ही घटना  प्रकाश में आई  ये घटनाएं  मन को तब  झिंझोर कर रख देती है जब पता चलता है की कोलकाता में महिला डॉक्टर मामले में मेडिकल रिपोर्ट काफी नही पड़ी । जिस मामले को 15 अगस्त के पहले ही एक ऐतिहासिक न्याय के रूप में दुनिया के सामने पेश किया जाना चाहिए था ।आज वही मामला सीबीआई जांच पड़ताल और न जाने कितनी जांच से गुजर रहा है । विडंबना की बात तो तब  है जब देश भर में कहने को तो आंदोलन चल रहे है वही फिल्मे सिनेमा हॉल में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। युवा सिनेमा हॉल में गुम  है। साधारण  तौर से कश्मीर चुनाव पर भी विचार चल रहा है सारा गणित तो इस बात से भी  समझा जा सकता है सब सो रहे है । सब राजनीतिक ढंग से अपनी बात रख खेद व्यक्त कर रहे है अभी हफ्ते भर के बाद आपका अपना सोशल मीडिया रिफ्रेश सा नजर आएगा । यह अनुमान लगा पाना मुश्किल नहीं है की सब यूंही चलता रहेगा। हम बांग्लादेश के लोगो के लिए इतने चिंतित हैं की अपने देश में बर्बरता किसी को दिखाई नही दे रही । 

जनता जनार्दन

जो जनता 1,2 दिन में एक में पूरे देश के समीकरण बदल देने का दम रख देती हैं आज वह गूंगी नजर आ रही है। कोई एक जुट नही है आज डॉक्टर अकेले अपने हक की लड़ाई लड़ रहे है और बाकी सोशल मीडिया पर नपे तुले शब्दो में बयान दर्ज कराने में लग गए है । मगर गलती किसी की नही कही जा सकती क्योंकि आवाज़ दबाई जा रही है। 

आप सभी सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा तो निकाल रहे है, कुछ स्कूल कॉलेज एक दो प्रोटेस्ट मार्च निकाल कर अपने अपने  काम पर लग जाने वाले है सब रोज की ही तरह है। और हां जनता के दबाव में हमे एक बड़े स्लोगन से साथ  न्याय  देने की बात कही जाएगी । और फिर सब चलता रहेगा। क्योंकि जो न्याय  तत्काल प्रभाव से मिलने चाहिए है उनकी आज जांच पड़ताल चल रही है। आगे अन्य मामले यूं ही चलते  रहेंगे । 





Monday, June 24, 2024

एजुकेशन स्कैम या नीट & क्लीन in hindi

शिक्षा किसी भी देश के भविष्य निर्माण का सबसे बड़ा हथियार है जिसके माध्यम से किसी भी देश के बेहतर भविष्य की कल्पना की जा सकती है परंतु जब यही शिक्षा न्याय के लिए  चक्कर काटने लगे तो ये कहना गलत नही होगा की शिक्षा से देश नही सरकार से शिक्षा है ।  कुछ ऐसा ही हाल हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था का है जो कही न कही राजनीति की भेंट चढ़ती जा रही है  आज हम इसी बेहद संजीदा विषय पर चर्चा करेंगे। 




स्वागत है आपका uveeright पर आज हम बेहाल हो चुके शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा करने वाले है जो की पूरे देश के बालक बालिकाओं ,नवयुवकों  के भविष्य को संवारने का ज़िम्मा अपने कंधो पर है आज वही बेहद खराब दौर से गुजर रही है। ये कहना गलत नही होगा की जिसके हाथो में पूरे देश के बालक बालिकाओं का भविष्य है आज वही राजनीति की कटपुटली बनती जा रही है । आज ज्यादातर फैसले छात्रों के हित के लिए कम सरकारों के हित के लिए लिए जा रहे है ।

हमारा प्यारा भारत टेक्नोलॉजी उद्यम क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। लेकिन आज हमारे देश के अंदर ही शिक्षा व्यवस्था बेहद विकट परिस्थितियों से जूझ रही है कहना गलत नही होगा जिस तरह से आज हर परीक्षा का पर्चा लीक हो रहा है वो बेहद ही कष्टकारी है खासकर उन उम्मीद वारो के लिए जो की  बेहतर भविष्य  बनाने अथवा अच्छी नौकरी के लिए रोज़ अपनी परीक्षा के लिए तैयारी करते है की कब परीक्षा हो और वह अपनी मेहनत की कमी के कारण ये मौका उनके हाथ न चला जाए। 
परंतु आज बदहाल शिक्षा  व्यवस्था राजनीति की भेट चढ़ता जा रहा है । जो की कही न कही देश के इतिहास में शिक्षा व्यवस्था के सबसे खराब दौर में गिना जाएगा। 
 इसमें गौर करने वाली बात यह  भी है की क्या पर्चा पहले लीक नही होते थे , परंतु आज जिस तरह हर परीक्षा का पर्चा लीक हो रहा है वह शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति को समझने के लिए काफी है जिसमे नीट प्रवेश परीक्षा परिणाम में हुई धांधली सबसे बड़े प्रमाण में से एक है जिसमे परीक्षा का पर्चा पहले से लीक और अंक प्रणाली में भी धांधली का मामला सामने आ रहा है । ये सबसे बड़ी धांधली बनकर तब उभरी जब एक साथ 67 टॉपर जिसमे की 6 टॉपर एक ही सेंटर के बताए गए वही परीक्षा सेंटर को भी इसमें दोषी होने की बाते सामने आई अंक प्रणाली में भी अनुचित ढंग से ग्रेस अंक बढ़ाए गए जिससे छात्र छात्राओं ने अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए धरना प्रदर्शन किया वही जब ये धरना प्रदर्शन चल रहा था उसी बीच नेट की परीक्षा का पर्चा भी लीक होने की बात सामने आई ।इसके अलावा BPSC प्राइमरी टीचर, आर. ओ. , पुलिस जैसे कई परीक्षा के पर्चे एक वर्ष के भीतर ही लीक हुए है जिससे शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से नाकामयाब नज़र आ रही है। जिसमे कई तरह से राजनीति हो रही है लेकिन क्या बार बार परीक्षा पेपर लीक होना बयानबाजी करने से छात्र छात्राओं को उनका समय उनकी मेहनत लौटाई जा सकती हैं जो की वही इतने दिनो से एक बेहतर नौकरी की तलाश में करते आ रहे है कुछ के लिए ये उनका आयु सीमा के अनुसार अंतिम मौका भी हो सकता है कईयो  की परिवार की जिम्मेदारी उनके ही कंधो पर है जो सरकारी नौकरी कर अपने अथवा अपने परिवार का सपना पूरा करना चाहते है । वही महिलाओ को जो समस्याएं आती है वह भी एक मुद्दा है यह एक परीक्षा दिलवाने के लिए उनके परिवार से कोई न कोई अपना काम काज छोड़ कर साथ चल पड़ते है इस उम्मीद से की परीक्षा में पास हो गई तो अच्छी नौकरी मिल जाएगी । लेकिन जब यही छात्र परीक्षा के लिए सेंटर पर जाते है तो पता चलता है की पेपर तो पहले ही आउट हो चुका है ऐसा एक बार नही बार बार हो रहा है जिससे उन छात्रों की भावना के साथ खिलवार पिछले कुछ सालों से ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था में दोहराता हुआ नजर आ रहा है जो कि बेहद कष्ट कारी  है। जो की कही न कही राजनीति की भेंट चढ़ चुकी है । 


एक ये भी समस्या - 

न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 


 न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020  जो सुनने में तो बहुत अच्छी लग रही थी जिसके दूरगामी परिणाम अच्छे भी हो सकते है परंतु क्या इसे लागू करने का समय सही था देश कही न कही कोरोना काल से जूझ ही रहा था वही ऐसे बिगड़े हालातो में क्या इस पॉलिसी ने और समस्याओं को बढ़ा तो नही दिया ये बेहद ही जरूरी प्रश्न है क्योंकि आज जो हम शिक्षा के इतने खराब दौर से गुज़र रहे है इसमें नव युवक के पास डिग्री तो है परंतु अव्यवस्था के अभाव में वो ज्ञान नही है जैसा कि  2020 एजुकेशन पॉलिसी द्वारा गढ़ा गया था। परीक्षा  का समय पर न होना या समय से पहले ही हो जाना, अगले वर्ष क्या होगा छात्र छात्राओं को उसका भी ज्ञान नहीं अनियमितता से जूझते छात्र वहा से निकले तो मेजर - माइनर में फस जाते , जिनको अभी तक यह पता था की हम किसी भी वर्ष में अपनी पसद का विषय का चुनाव कर सकते है । व्यवस्था का  कुछ भी पता नहीं ये कहानी 2021 स्नातक में एडमिशन लिए हर छात्र छात्राओं की है । जो की कही न कही एक्सपेरिमेंट की भेंट चढ़े है । 
वही इन छात्र छात्राओं की समस्या यही कम नही होती अभी तो 75% के पहाड़ को भी चढ़ना है जिनको अंक बंधनों से मुक्ति दिलाने की बात शिक्षा नीति के भाषणों में कही गई लेकिन क्या ये जटिल प्रतिस्पर्धा का सबक नहीं बनेगा। फिर भी यदि लागू होता भी है तो  एजुकेशन केंद्र यूनिवर्सिटी  इतने सक्षम है की छात्र छात्राओं का सही ढंग से मूल्यांकन कर सके क्या ऐसे उपकरण अभी उपलब्ध है जिससे यह साबित किया जा सके की कौन छात्र सही उम्मीदवार है व्यवस्था दुरुस्त किए बिना  मूल्यांकन और चुनाव करना  अभी जल्द बाज़ी हो सकती है क्योंकि कई बार परीक्षा परिणाम में गड़बड़ियां नजर आती रही है। । चुकी सरकारें शिक्षा चलती है तो सब कुछ ठीक है। 




धन्यवाद !


Sunday, April 28, 2024

डॉ भीमराव आंबेडकर jayanti , डॉ भीमराव आंबेडकर के बारे मे रोचक तथ्य in hindi


               डॉ भीमराव आंबेडकर jayant special 


 "महान प्रयासों को छोड़ कर इस दुनिया में कुछ भी महान नही है। " 

    कुछ ऐसे ही शब्द कहने वाले हमारे देश के संविधान के जनक  डॉ भीम राव अम्बेकर का  जन्म 14 अप्रैल के  दिन 1891 को हुआ था और इनकी मृत्यु  6 दिसंबर 1956 में हुई थी।


यह अपने माता पिता की 14 वी और आख़री संतान थे । इनका मूल नाम अम्बावेदकर था।

यह आज़ाद भारत के पहले कानून मंत्री बने थे ।


डॉ भीमराव  आंबेडकर के बारे मे रोचक तथ्य - 


ये करीब 9 भाषाओं को जानते थे 

इसके पास कुछ 32 डिग्रीय थी तथा वह विदेश जाकर अर्थशास्त्र में पीएचडी करने वाले पहले भारतीय थे।

नोबल विजेता अमर्त्य सेन इनको अपना पिता मानते थे।

तिरंगे में अशोक चक्र इन्ही के प्रयासों से लगाया या सका।

मजदूरों को 8 घंटे कार्य करने का मापदंड इन्ही के प्रयासों से किया जा सका जिसे पहले 14 - 15 काम करना पड़ता था।

डॉ भीमराव आंबेडकर एक मात्र ऐसे भारतीय है जिनका स्टेच्यू लंदन संग्राहलय में कार्ल मार्क्स के साथ लगा हुआ है।

इनको 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

 डॉ भीमराव आंबेडकर संविधान की धारा 370 जो की जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्ज़ के खिलाफ थे ।

ऐसा कहा जाता है कि इनकी व्यक्ति गत लाइब्रेरी दुनिया की व्यक्तिगत सबसे बड़ी लायब्रेरी थी जिसमे 50000 से ज़्यादा पुस्तकें थी ।

इन्होंने 1930 की प्रथम गोलमेज़ सम्मेलन में अपना राजनैतिक दृष्टिकोड रखा।

दीक्षाभूमि स्पूत जहा अम्बेडकर साहब  ने बौद्ध धम्म में परिवर्तित हुए ।



डॉ भीमराव आंबेडकर -

 "महान प्रयासों को छोड़ कर इस दुनिया में कुछ भी महान नही है। "

             We are Indians firstly & lastly 



जाने कहा है वादू आइलैंड click here 👇


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आलियो ओलियो रेसिपी इन hindi



 यदि आप कुछ नयी चीजे बनाने या खाने के शौकीन है और आप अपने परिवार को कुछ बना के खिलाना चाहते है तो आज मैं आपके लिए एक ऐसी ही अलग रेसिपी ले कर आई हूं जिसका नाम है आलियों ओलियो

 जिसका साधारण सा अर्थ है आलियों यानी लहसून और ओलियो यानी जैतून का तेल 

आइए जानते है इसके लिए आवश्यक सामग्री

इसे बनाने के लिए हमें चाहिए 

                                                        स्पेगेटी 

                                                        चिली फ्लैक्स

                                                         पासले 

                                                          जैतून का तेल 

                                                         नमक 

                                                        चीज़ 

   बनाने का तरीका 

                          इसे बनाने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में पानी गर्म करे उसमे नमक डाले अब पानी गर्म होने पर उसमे स्पेगेटी नूडल डाले और हल्का उबाल लें ध्यान रखे ज़्यादा न पकाए । अब एक कढ़ाई में ऑलिव ऑयल गर्म करें अब उसमे चिली फ्लैक्स डाले उबला स्पेगेटी नूडल डाले । स्वादानुसार नमक मिलाएं,  पास्ले लीव डाले अंत में ग्रेटेड चीज़ डालकर परोसे ।

                               धन्यवाद  


क्या आपको भी घूमने फिरने का शौक और आप और नई नई जगाओ के बारे में जानने का तो आप हमारे इस लिंक पर जाकर देख सकते है।

 https://undefinedplace.com/the-arizona-wave-in-hindi/


Mental Health

 







Mental Health issues & मानसिक स्वास्थ्य और ह्रदय सामंजस्य,  in Hindi 

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रिज़ल्ट का डर कैसे कम करें? मानसिक तनाव से कैसे बचें in hindi Mental Health 

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Saturday, April 20, 2024

लखनऊ माँ दुर्गा कोशम्भी / कुशहरी देवी in Hindi



 यदि आप लखनऊ निवासी है तो दुर्गा कोशाम्बी से भली भांति परिचित होंगे जहां सदियो से हर वर्ष चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा अर्थात अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अप्रैल - मई के महीने के आसपास लगता है जिसमे माँ दुर्गा कोशाम्बी/कुशहरी देवी मंदिर में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है

    इसके विपरीत चैत्र और शारदीय नवरात्रि में भी भारी भक्तो की  भीड़ रहती है

नवाबगंज कस्बे से लगभग चार किमी दूर कुसुंभी गांव में माता कुशहरी देवी का प्राचीन मंदिर है। बताया जाता है कि यह मंदिर देश में वर्णित शक्तिपीठों मेें से एक है।

  

                क्या है इस मंदिर की मान्यता


  ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में माँ दुर्गा कोशाम्बी को काली चूड़ियाँ और फूल चढ़ाने से मन से मांगी गई सभी इच्छा माँ के आशीर्वाद से पूरी हो जाती है 

     इस मन्दिर में माँ की विशेष पूजा से नकारात्मक प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है। 

  

                          मन्दिर परिसर  


यह अत्यंत प्राचीन मंदिर परिसर जहाँ गर्भ गृह में माँ दुर्गा कोशम्भी जिन्हें लोग कुशहरी देवी के नाम से भी जानते है माँ की प्रतिमा विराजमान है ।

   यह एक तालाब है जहाँ दूर-दूर से भक्तजन स्नान करके सच्चे मन से माँ की आराधना करते है पूजा पाठ करते है।

  इस तालाब में मछली पालन भी किया जाता है परंतु इनका। शिकार करना वर्जित माना जाता है,लोग माँ का दर्शन करने के पश्चात इन मछलियों को चावल , खील , आटे की गोली इत्यादि खिलाते है।

          

       कैसे पहुचे माँ कोशम्भी / कुशहरी  

              देवी के मंदिर


     यदि आप लखनऊ से आ रहे है तो कोई भी छेत्रीय यातायात परिवहन से सीधे माँ दुर्गा कोशम्भी के मंदिर पहुँच सकते है। यदि आप बाहर कही से आ रहे है तो आप दिल्ली से चौधरी चरण सिंह एयरपोट ( अमौसी हवाई अड्डा) के लिए फ्लाइट ले सकते है , नही तो लखनऊ चारबाग़ रेलवे स्टेशन से भी छेत्रीय यातायात परिवहन द्वारा भी सीधे मंदिर    पहुँच सकते है और माँ दुर्गा कोशाम्�

 

शिव जी से जुड़ा तुंगनाथ मन्दिर कहा है इसका केदारनाथ से क्या है संबंध जानने के लिए link पर क्लिक करें 👇

https://undefinedplace.com/tungnath-mandir/#more-113

up board exam result Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha result 2024

 

दि अपने या आपके परिवार में किसी ने इस बार up board की परीक्षा दी है तो सबसे तेज़ नतीजे जानने के लिए हमारे इस लिंक पर क्लिक करे 


 उत्तर प्रदेश में हर बर्ष की तरह इस वर्ष भी सा कुशल 10 वी और 12 वी की परीक्षाएं सम्पन्न हुए जिसे यूपी बोर्ड अर्थात प्रयागराज माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा सम्पन्न कराया जाता है

 जिन किसी का भी इस वर्ष यूपी बोर्ड की परीक्षा दी है आप सभी को आप के परीक्षा परिणाम की हार्दिक शुभकामनाएं ।


यदि अपने या आपके परिवार में किसी ने इस बार up board की परीक्षा दी है तो सबसे तेज़ नतीजे जानने के लिए हमारे इस लिंक पर क्लिक करे 

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UP BOARD EXAM RESULT 2024





Official website







आशा है आपका दिन मंगलमय हो ।

                         Good Luck students 


Monday, February 19, 2024

सोया चाप रेसिपी विथ ग्रेवी / soya chaap recipe with Gravy in Hindi

 आज हम आपको बेहद स्वादिष्ट रेसिपी व्यंजन के बारे में बताने जा रहे है जो वर्तमान में बेहद ही पसंद की जाने वाली रेसिपी मैं से एक है   जिसके बिना कोई भी शादी पार्टी अधूरी है जिसका नाम है सोया चाप  




  स्वागत है आपका uveeright पर जिसमे सबसे पहले हम आपको सोया चाप की रेसिपी बताने जा रहे है 

आइए जानते है  - 

आवश्यक सामग्री  - 

                                                                                      आवश्यकतानुसार  मैदा

                                                                                          सोयाबीन

                                                                                          गर्म पानी 

बनाने की विधि 


                     सोया चाप बनाने का लिए सबसे पहले अपनी आवश्यकतानुसार मैदा एक बाउल में गूथ ले अब इसे कुछ देर के लिए अलग ढक कर रख दे अब एक अलग बर्तन में सोयाबीन गर्म पानी में भिगो कर रख दे , कुछ देर बाद इस सोयाबीन का सारा पानी निकाल देने के बाद मिक्सी में पीस ले । अब सोया चाप बनाने का सबसे महत्वपूर्ण कार्य यदि आप चाहे तो मैदा और पीसी हुई सोयाबीन को एक साथ मिला कर आटा गूथ सकते है नहीं तो पहले से गूथे हुए मैदे को एक पानी से निकालकर ग्लूटन प्राप्त कर सोयाबीन के साथ आटे तरह गूथ लेंगे। 

       अब इस आटे की थोड़ी बड़ी बड़ी गोलियां बनाकर रखे अब इन  गोलियों की थोड़ी मोटी रोटी की तरह बेल लेंगे और रिबेन की तरह कट कर लेंगे अब एक स्टिक के माध्यम से उसपर रोल करते जायेंगे इसी तरह सभी स्टिक तैयार कर लेंगे। अब इन स्टिक को माध्यम आंच पर उबलते हुए पानी में कुछ देर तक उबालंगे जब तक ये सभी सोया चाप पानी में ऊपर नहीं आ जाती। अब इन सोया चाप को पानी से निकाल ले और ठंडा होने के लिए कुछ देर रख दे । अब चाहे तो आप इन्हे कुछ दिनों के लिए संरक्षण कर आवश्यकतानुसार उपयोग कर सकते है। 

आप इसे स्नैक के तौर पर तल कर उपयोग कर सकते है टोमैटो सॉस के साथ नहीं तो आप इसे ग्रेवी के साथ भी प्रयोग कर सकते हैं। 

 


सोया चाप ग्रेवी बनाने की विधि -  

                   सामग्री -

                                                                                                                              सरसो का तेल 

                                                                                                                                 जीरा  

                                                                                                                                 प्याज़ 

                                                                                                                        लाल मिर्च पाउडर

                                                                                                                          हल्दी पाउडर 

                                                                                                                            धनिया पाउडर 

                                                                                                                 लहसुन अदरक का पेस्ट 

                                                                                                                           टमाटर का सॉस

                                                                                                                              नमक 

                                                                                                                          धनिया पाउडर 

                                                                                                                      गरम मसाला पाउडर 

                                                                                                                            फ्रेश क्रीम       

                                                                                                                          दालचीनी 

                                                                                                                     स्वादानुसार नमक       

                                                                                                                           हरा मिर्च 

                                                                                                                         हरा धनिया 


सोया चाप ग्रेवी रेसिपी बनाने की विधि  


      सोया चाप बनाने के लिए सबसे पहले एक कढ़ाई में तेल गर्म करें अब उसमे सोया चाप को मध्यम आंच पर लाल होने तक तल लें । अब इनको अपनी आवश्यकतानुसार पीसेस में कट कर ले, अब एक कढ़ाई में सरसों का तेल गरम करें अब उसमें कटा हुआ प्याज़  डाले सुनहरा होने तक पकाएं आप चाहे तो इसमें जीरा और दाल चीनी का एक टुकड़ा भी डाल सकते है अब इसमें लहसुन अदरक का पेस्ट डाले और भुने इसे भी सुनहरा होने तक पकाएं, इसमें हल्दी पाउडर मिर्च पाउडर डालकर भूनें अच्छा रंग आने तक ध्यान रखें कि इसे जलाना नही है अब इसमें  टमाटर का सॉस ,  हरा मिर्च गर्म मसाला , नमक डाल कर अच्छे से पकाएं अब तेल जब ग्रेवी में ऊपर आने लगे तो उसमें सोया चाप के टुकड़े डाले और पकने दे इसमें फ्रेश क्रीम डाले और मिलाए कुछ देर तक धीमी आंच में पकाएं  अब उसमें हरा धनिया डाले और सर्व करें।