बे fikra इश्तिहार
Monday, December 25, 2023
क्या जताना जरूरी है ????? क्यों तुले है हम उगते सूरज को बदलो से ढकने पर
Friday, December 1, 2023
Kalicharan PG College Lucknow स्थापना दिवस स्वर्ण जयंती 2023 इन hindi
लखनऊ में स्थित प्रतिष्ठित महाविद्यालय में से एक कालीचरण पीजी कॉलेज में शुक्रवार एक दिसंबर को उनकी स्वर्ण जयंती के मौके पर बहुत ही धूम धाम से मनाई गई जहा प्रतिष्ठित अथितियो ने पहुंच कर उत्सव की शोभा बढ़ाई ।
मुख्य अतिथि गण जिसमे माननीय राज्य मंत्री दिनेश शर्मा, सुषमा खर्कवाल विद्यालय प्रबंधक वीके शर्मा तथा कॉलेज के प्रधानाध्यापक डॉ चन्द्र मोहन उपाध्याय जी ने हिस्सा लिया।
जहा प्रतिभाशाली छात्रों को प्रोत्साहित कर उन्हे पुरस्कार भी प्रदान किए गए इस खास मौके पर कॉलेज के प्रधानाध्यापक डॉ चन्द्र मोहन उपाध्याय जी भी मौजूद रहे ।
इस स्वर्ण जयंती के मौके पर छात्र छात्राओं ने अपनी कलाओं का प्रदर्शन भी किया जिसने इस मौके को और खास बना दिया।
सौगात
कॉलेज में इस वर्ष 6 नए कोर्स की शुरुवात हुई तथा आने वाले नए सत्र से फार्मेसी कोर्स की शुरुवात होने की संभावनाएं है ।
साथ ही साथ कॉलेज के पूर्व छात्र छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।
दिनेश शर्मा ने खास संदेश में अध्यापक और छात्र के संबंध को बेहतर शब्दो में समझाते हुए कहा कि एक छात्र को आगे बढ़ाने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है अच्छा शिक्षक कॉलेज को सवार सकता है वही दिशा हीन शिक्षक हजारों छात्रों के भविष्य को बर्बाद भी कर सकता है ।
Thursday, October 12, 2023
आईटीआई अलीगंज लखनऊ news in hindi
लखनऊ में स्थित आईटीआई अलीगंज गवर्मेंट प्रशिक्षण संस्थान में गुरुवार के दिन दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया जहां एक वर्षीय आईटीआई कोर्स और दो वर्षीय आईटीआई कोर्स में प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को मेडल से सम्मानित किया गया । जहा आईटीआई अलीगंज मान्यता प्राप्त संस्थान के भी छात्र छात्राओं ने भी हिस्सा लिया।
महिलाओं का रहा दबदबा
गौरतलब यह है की यहां भी महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले ज्यादा मेडल हासिल किए यहां भी महिलाओं का दबदबा रहा।
यहां दीक्षांत समारोह आईटीआई अलीगंज के विवेकानंद सभागार में आयोजित हुआ जहां छात्र छात्राए अपने अभिभावकों के संग पहुंचे जहां उनके माता पिता उन्हें मेडल प्राप्त करते देख गद गद नजर आए उनका कहना था की यह क्षण उनके लिए बेहद ही खुशी का पल है उनके बच्चो की मेहनत का ही परिणाम है की आज उन्हें मेडल से सम्मानित किया जा रहा है ।
टॉप रैंक
टॉप रैंक हासिल करने वालो में 97.8 प्रतिशत दो वर्षीय आईटीआई के दो छात्रों को यह उपलब्धि हासिल की तथा विभिन्न कोर्स में कोपा ट्रेड में 92.8 प्रतिशत स्टेनोग्राफर हिंदी में 93 प्रतिशत इसी तरह विभिन्न ट्रेडों में छात्राओं ने प्रतिशत हासिल किए तथा सम्मान के पत्र बने।
Tuesday, October 10, 2023
मुकेश / फर्दी वर्क क्यों है खास जाने इन hindi
भारत अपनी कला और परंपरा की विविधता के लिए देश ही नहीं अपितु विश्व भर में प्रचलित है जहां विविध प्रकार की बुनाई से लेकर सिलाई में विभिन्न प्रकार की वरायरी आपको देखने को मिल जाएंगी कुछ उन्ही कला में से एक कला है मुकेश/फर्दी वर्क और चिकनकारी कला जो की वर्तमान में अपनी रॉयल्टी के लिए विश्वभर में पसंद की जा रही है । आज हम आपको इसी कला के बारे में विस्तार में बताने जा रहे है स्वागत है आपका uveeright पर
मुकेश/ फर्दी वर्क अपनी रॉयल्टी और अपनी टेक्निकल कला के लिए भी जानी जाती है जो की केवल हाथो से ही तैयार की जाती है जिसे तैयार करने के लिए कुछ प्रशिक्षण की भी जरूरत पड़ती है ।
मुकेश वर्क/फर्दी वर्क की विशेषता
मुकेश वर्क एक विशेष प्रकार के मैटल के बने तार से किया जाता है जिसके माध्यम से वस्त्र पर विभिन्न प्रकार की डिजाइन उकेरी जाती है जो देखने में बेहद ही आकर्षक और सुंदर लगती है ।
मुकेश / फर्दी के तार
इस कला के लिए एक विशेष प्रकार के मैटल की आवश्यकता होती है जो की स्पेशली इस वर्क के लिए ही बनाए जाते है यह विभिन्न रंगों में मार्केट में उपलब्ध होते है परंतु गोल्डन और सिल्वर रंग के तार से की गई कला वर्तमान में बेहद लोकप्रिय है । उसमे भी लाइट गोल्ड तार से की गई कला अधिक प्रचलन में है ।
मुकेश वर्क/फर्दी वर्क
मुकेश वर्क से तैयार वस्त्र अपने आप में ही रॉयल्टी को दर्शाता है यह कला लखनऊ के राजा महाराजा की पसंद का हिस्सा रहा है।पहले के समय में यह कला सोने चांदी ने विशेष तारो से बनाई जाती थी जिसका शौक केवल धनी व्यक्ति ही रख सकते थे जिसका मेन कारण इसका अत्यधिक महंगा होना था।
क्यों आज तक इसे मशीन से नही बनाया जा सका
मुकेश/फर्दी वर्क आज तक इसकी कारीगरी मशीन से नही की जा सकी इसे मशीन से बनाने की बहुत कोशिश की गई लेकिन यह धुलाई के समय हमेशा खराब हो जाती । वजह यह कला मैटल के तारो को विशेष तकनीक से बांधने पर ही यह एक डॉट की तरह दिखती है जिसे अभी तक मशीन से बनाना संभव नहीं हो सका है।
खुश रहे मस्त रहे
धन्यवाद!
Wednesday, October 4, 2023
Result
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Sunday, September 17, 2023
भारतीय क्रिकेट बी 0सी0सी0आई0 का इतिहास और क्रिकेट ऑल फॉर्मेट और आई पी एल टॉस कॉइन की खासियत winnings in hindi
भारत में क्रिकेट बेहद ही लोकप्रिय और रोमांचक खेलो में से एक है जहां क्रिकेट खेल के प्रति लोगों की भावनाएं हमेशा जुड़ी होती है खासकर तब जब मैच भारत और पाकिस्तान के बीच हो तब यह मैच बेहद ही चाव से देखा जाता है जिसमे लगभग सभी खेल प्रेमी पहले से ही समय निकलने की कोशिश करते है जिससे वह खेल का पूरा लुफ्त उठा सके ।
आज हम उसी खेल क्रिकेट के बारे में विस्तार से बताने जा रहे है स्वागत है आपका uveeright पर
क्रिकेट का इतिहास
दुनिया में क्रेकट बेदद ही लोकप्रिय खेलों में से एक है जिसकी शुरुवात सर्वप्रथम इंग्लैंड में 16 वी शताब्दी में हुई थी। पहले यह खेल अमीर लोगो के द्वारा शौक के लिए खेला जाता था।
बल्ले की आकृति
जिस समय यह खेल अपने शुरुवाती दौर में था तब बल्ले की आकृति आज की तरह नहीं थी बल्ला आगे से कुछ मुड़ा हुआ था कह सकते है कुछ - कुछ हॉकी की तरह का था। बाद में धीरे धीरे इसका आकार और वजन तय किया गया।
भारतीय क्रिकेट का इतिहास और बी सी सी आई का गठन
भारत में क्रिकेट की शुरुवात 18वी सदी है हुई।क्रिकेट के प्रति भारतीय में रुझान को देखते हुए पहली बार 1792 में पहले क्रिकेट क्लब का निर्माण कोलकाता में हुआ भारत में 1864 में पहला फर्स्ट क्लास मैच जोकि चेन्नई में हुआ । जिसके बाद 1890 में पहली बार इंग्लैंड की क्रिकेट टीम खेलने भारत आई।
भारत में क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए 1928 में बी सी सी आई का गठन किया गया। यह विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट संघ है ।भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच 1932 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। भारत ने अपना पहला वन डे मैच भी इंग्लैंड के खिलाफ ही खेला जो की 1974 में खेला गया । भारत ने समय के साथ साथ भारतीय क्रिकेट टीम में कई बदलाव वा सुधार किए जिसमे 80 के दशक तक आते - आते टीम के कप्तानी में भी बदलाव किए गए जिसमे गावस्कर के बाद कपिल देव को भारत का नया कप्तान बनाया गया इन्ही की कप्तानी में 1983 में भारत ने अपना पहला वनडे वर्ड कप जीता ।
क्रिकेट की पिच और मैदान
क्रिकेट की पिच 22.5 गज ही होती है इसमें गोलाकृति से कोई मतलब नही होता इसका मैदान गोल या चकोराकृति का भी हो सकता है ।
टॉस का सिक्का
भारत ही नहीं विश्व स्तर के क्रिकेट मैच में टॉस की बहुत अहमियत है क्रिकेट इतिहास के अनुसार 1744 में टॉस की शुरुवात मानी जाती है। जहां सिक्के पर हेड और दूसरी ओर टेल लिखा होता है इसे उछलने पर दोनो टीमों द्वारा तय किया गया जो भी भाग ऊपर की ओर दिखता है वही टीम यह तय करती है की वह पहले बैटिंग करेगी या फील्डिंग। क्रिकेट मैच में टॉस जितना फायदेमंद होता है जो काफी हद तक यह खेल का रुख अपनी ओर जीतने में किसी टीम को सक्षम बनाती है ।
सामान्यता टॉस का सिक्का जिस देश के घरेलू मैदान में यह खेल खेला जा रहा है यह वही की करेंसी का सिक्का होता है ।परंतु बाद में इसके लिए भी अलग अलग फॉर्मेट के हिसाब से सिक्के जारी किए गए।
आई पी एल टॉस का सिक्के की भिन्नता बी सी सी आई पेटेंट
जब बात आई पी एल टॉस के सिक्के की होती है तब यह सिक्का बाकी टॉस कॉइन से अलग होता है यह सिक्का सोने का बना होता है । जोकि हमेशा हर वर्ष सीज़न बढ़ने के साथ इसका वजन भी 1 ग्राम बढ़ा दिया जाता है। इस सिक्के को जारी करने का अधिकार बी सी सी आई के पास है जोकि आई पी एल में 25 सिक्के जारी करती है जिसमे से हर मैच के लिए 2 सिक्के टॉस के लिए देती है। मैच खत्म होने के बाद यह सभी सिक्के पुनः बी सी सी आई के पास जमा हो जाते है।
आई पी एल के सिक्को की नीलामी भी की जाती है अंतिम बार इन सिक्को की नीलामी 2014 में की गई थी । जो की लाखो में बिके थे ।
भारत द्वारा वर्ड कप जीत
भारत वर्तमान में क्रिकेट खेल के लिए बेहद दमदार टीमों में से एक है। जो की दुनिया की नंबर वन टीम भी है हालाकि समय समय पर इन आंकड़ों में बदलाव भी होते रहते है । जिसे इसकी रैंक में बदलाव भी होता रहता है ।
भारत ने अब तक तीन बार क्रिकेट वर्ड कप में जीत दर्ज कराई है जिसमे वनडे वर्ड कप 1983 कप्तान कपिल देव , 2007 में साउथ अफ्रीका में icc वर्ड कप हुआ जिसे भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ खेला था यह t 20 का पहला विश्व कप था जिसे महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीता गया । साल 2011 में वनडे विश्व कप हुआ जिसका फाइनल मैच भारत और श्रीलंका के बीच हुआ जिसे भारत ने अपने नाम किया । उससमय भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ही थे।
वर्ड कप 2023
वर्ष 2023 के लिए वर्ड कप की icc ने भारत को सौंपी है । जो की भारत के 10 स्टेडियम में 5 अक्टूबर से 19 नवंबर तक खेले जाएंगे जिसका पहला मैच इंग्लैंड vs न्यूजीलैंड के मध्य भारत के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आयोजित होगा।
एशिया कप
भारत 1984 में सयुक्त अरब अमीरात के शारजाह में हुए पहले एशिया कप जीत के साथ अपने नाम किया। भारत अबतक 7 बार एशिया कप चैंपियन बन चुका है। इस टूर्नामेंट में 1984 , 1988, 1991, 1995 ,2010 ,1016 ,2018 में इस खिताब को अपने नाम किया । इसके अतिरिक्त 3 बार उपविजेता भी रह चुकी है इन एशिया कप फॉर्मेट में भारत के बाद दूसरे नंबर पर श्रीलंका की टीम है।जिसने सबसे ज्यादा मैच भारत के बाद जीते।
एशिया कप 2023 भारत vs श्रीलंका
2023 एशिया कप का फाइनल मुकाबला भारत और श्रीलंका में हुआ जिसमे श्रीलंका 50 रन बना कर ऑल आउट हो गई। और भारत ने बहुत ही आसानी ये एशिया कप अपने नाम किया।
ICC वर्ड चैम्पियन ट्रॉफी
आईसीसी वर्ड चैम्पियन ट्रॉफी या इसे मिनी वर्ड कप भी कहा जाता है इसकी शुरुवात सर्वप्रथम 1998 में इसका विनिंग मैच बांग्लादेश में खेला गया जिसमें साउथ अफ्रीका ने वेस्टइंडीज को हरा कर कर न जीत हासिल की वही 2 आईसीसी विश्व कप में 2000 में केन्या नरोबी में खेला गया भारत ने न्यूजीलैंड को हरा कर जीत हासिल की । भारत और श्रीलंका 2002 में संयुक्त विजेता रही वही। भारत और इंग्लैंड के बीच हुए 2013 में कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में भारत ने यह ट्रॉफी अपने नाम की। वर्ष 2017 तक इसके 8 संस्करण हो चुके है।
भारतीय क्रिकेट टीम के महान क्रिकेटर
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर भारत के महान क्रिकेटर में से एक है
भारत के विकेट कीपर कैप्टन कूल और भारत को नया हेलीकॉप्टर शॉट देने वाले मिस्टर महेंद्र सिंह धोनी जिनकी कप्तानी में भारत ने वर्ड कप, चैंपियन ट्रॉफी, टी 20 वर्ड कप फॉर्मेट में भारत विश्व विजेता बना।
विराट कोहली भारत के नंबर वन क्रिकेटर है जिन्होंने कई फॉर्मेट में विभिन्न रिकॉर्ड अपने नाम किए ओडीआई में सबसे तेज रन बनाने वाले क्रिकेटर है ।ऐसे विभिन्न रिकॉर्ड उनके नाम है। जिनमे महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का 13000 रनो का रिकॉर्ड भी उन्होंने 2023 में तोड़ा ।
रोहित शर्मा ओडीआई में तीन शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज है ।
भारत के तेज स्पिनर हरभजन सिंह, आर अश्विन जिन्होंने भारत को अपनी गेंदबाजी के दम पर भारत को विश्व पटल पर जीत दिलाई । भारतीय गेंदबाजी में जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, मोहमद शमी ईशान शर्मा जैसे गेंदबाज प्रमुख है।
वर्तमान 2023 में आर अश्विन नंबर वन टेस्ट सीरीज बॉलर बन गए है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -
वर्ल्ड कप का पहला मैच कहा होगा?
वर्ड कप का पहला मैच भारत के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा।
वर्ल्ड कप 2023 की मेजबानी कौन सा देश कर रहा है?
वर्ष 2023 वर्ल्ड कप की मेजबानी भारत द्वारा की गई।
इस बार वर्ल्ड कप में कितने टीमें हिस्सा लेंगी?
10 देशों के टीमें हिस्सा लेंगी जिसमे भारत पाकिस्तान अफगानिस्तान श्रीलंका इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड नीदरलैंड आदि।
वर्ड कप 2023 कब से कब तक खेला जाएगा?
वर्ड कब 2023 5 अक्टूबर से 19 नवंबर तक होंगे।
एशिया क्रिकेट कप क्रिकेट 2023 कौन सी टीम जीती?
भारत 2023 एशिया कप की विजेता रही।
एशिया क्रिकेट कप 2023 की उप विजेता टीम किस देश की टीम रही?
श्रीलंका की टीम एशिया क्रिकेट कप की उप विजेता टीम रही।
Saturday, September 16, 2023
प्रधानमंत्री लैपटॉप/स्मार्टफोन योजना लेटेस्ट news in Hindi
प्रधानमंत्री लैपटॉप योजना 202 23 के आवेदन पूरे किए जा चुके है। यदि आपके विद्यालय में अभी तक इसकी कोई सूचना नहीं मिली है तो अपने अध्यापकों से इसकी जानकारी अवश्य ही ले। क्योंकि प्रधानमंत्री लैपटॉप योजना के तहत लैपटॉप योजना का शुभारंभ किया जा चुका है और विभिन्न विद्यालयों और संस्थानों में लैपटॉप योजना के तहत लैपटॉप वितरण शुरू हो चुका है।अभी मिली जानकारी के तहत कुछ महाविद्यालयों और आई टी आई संस्थानों में वितरण भी किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री लैपटॉप योजना के तहत २०२२ में एडमिशन लेने वाले अभ्यर्थियों को इस वर्ष लैपटॉप योजना के तहत लैपटॉप वितरण किया जाएगा। जिसके लिए उत्तरप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने इसके बजट का ऐलान भी किया था ।
लखनऊ यूनिवर्सिटी लैपटॉप स्मार्टफोन वितरण २०२३
लखनऊ यूनिवर्सिटी में लैपटॉप स्मार्टफोन वितरण की शुरुवात 17सितंबर रविवार को होने जा रहा है जिसमे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन और विश्वकर्मा भगवान जयंती के अवसर पर माननीय राजपाल आनंदीबेन पटेल लखनऊ यूनिवर्सिटी पहुंचने वाली है जहा बच्चो को लैपटॉप स्मार्टफोन वितरण समारोह का भी आयोजन किया जा रहा है।जिसने यूनिवर्सिटी के छात्र छात्राओं को लैपटॉप स्मार्ट फोन दिए जाएंगे ।
इस खबर को शेयर करें और जागरूक रहे ।
धन्यवाद !
Lucknow University results 2023
Lucknow University even semester exam result update
यदि आप लखनऊ यूनिवर्सिटी या उससे एफिलेटेड महाविद्यालय के छात्र है और आप रिजल्ट घोषित होने का इंतजार कर रहे है थी आपके लिए यह ख़बर महत्वपूर्ण है क्यों अब लखनऊ यूनिवर्सिटी ने रिज़ल्ट जारी करना शुरू कर दिया है जिसमे कुछ कोर्स के रिजल्ट घोषित भी कर दिए गए है ।
अधिक जानकारी के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी की ऑफिशल साइड पर जानकारी प्राप्त कर सकते है ।
Direct Link 👇
https://result.lkouniv.ac.in/Results/EvenResult
1) Odd semester
B.sc iii sem
Lucknow University has declared the BSc NEP Semester III results. Here is the direct
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https://result.lkouniv.ac.in/Results
Bsc NEP I sem result out
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2) Even semester
👇👇👇 Direct link
Coming soon
3 ) B.ed result
👇👇👇 Direct link
B.ed intrance exam result 2023 out
Link : https://g21.digialm.com//EForms/loginAction.do?subAction=ViewLoginPage&formId=81584&orgId=1936
4) Lucknow University UG intrance exam date 2023
Monday, September 11, 2023
G 20 समेलन में किन किन बातों पर हुई चर्चा और भारत मंडापम summit highlights in hindi
G 20 2023 सम्मेलन भारत में हुआ जिसमे विभिन्न देशों के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति प्रवक्ता ने हिस्सा लिया जिसमे कुछ देश अपने परिवार के साथ भी पहुंचे जिसमे उनकी पत्नी और बच्चे शामिल है इस g 20 सम्मेलन में जो देश G 20 संगठन का हिस्सा नहीं थे उनको भी अतिथि के तौर पर निमंत्रण दिया गया जिनमे नाइजीरिया, बांग्लादेश , मोरक्को , मैक्सिको, मॉरीशस, मिस्र , ओमान, सिंगापुर जैसे अन्य देश शामिल है । इस G 20 सम्मेलन से भारत ही नहीं अपितु G 20 सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे सभी देशों की उम्मीद और आशाएं जुड़ी है जिसमे कुछ प्रमुख मुद्दे भी है जिसपर चर्चा और सहमति की उम्मीद है ।
G 20 सम्मेलन के महावपूर्ण बिंदु
G 20 सम्मेलन से जुड़ी विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।
एयरपोर्ट पर स्वागत
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य केंद्र मंत्रियो ने स्वयं जा कर देशों के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, प्रवक्ताओं का एयरपोर्ट पर स्वागत किया । एयरपोर्ट पहुंचने वाले सभी देशों का स्वागत भारतीय परम्पर के अनुसार भव्य रूप से किया गया जहां भारतीय कला नृत्य को भी दर्शाया गया और स्वागतम गीत गाए गए ।
भारत मंडापम
भारत मंडापम की विशेषता
भारत मंडापम खास G 20 सम्मेलन के लिए तैयार किया गया । जिसे पूरी तरह से भारतीय परंपरा कलाकृतियों और G 20 के वसुधेव कुतुबकम की थीम पर सजाया गया । जिसमे विभिन्न देशों के राष्ट्र ध्वज भी शामिल किए गए । भारत मंडापम में स्वामी नटराज की प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र रही। भारत मंडापम में मेन स्टेज पर सूर्य कोडांक मन्दिर में स्थित पहिए को 3D में दर्शाया गया । जो की देखने में बेहद भव्यता को दर्शा रहा था।
भारत मंडापम में भारत के विभिन्न राज्यों की प्रसिद्ध शिल्पकला शैली की प्रदर्शनी लगाई गई जिसमे मधुबनी चित्रकारी, पिछवाई चित्रकला, प्रसिद्ध बंधेज, लाख की चूड़ियां जैसी विभिन्न राज्यों की प्रसिद्ध शिल्पकला मूर्तिकला इत्यादि का प्रदर्शन किया गया ।
G 20 सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे विभिन्न देशों के अधिकारियों और राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री का स्वागत भारत मंडपम में किया गया जहा स्वयं नरेंद्र मोदी जी ने उनका स्वागत भारत मंडापम में बहुत ही गर्मजोशी से व्यक्तिगत रूप से किया ।
विभिन्न देशों से स्वागत के बाद भारतीय प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने विशेष हॉल में वैश्विक मुद्दों पर पर चर्चा और सहमति पर वार्ता मुलाकात की।
गाला डिनर पार्टी G 20 सम्मेलन 2023
भारतमंडपम में रात्रि भोजन के लिए बेहद शानदार और भव्य रूप से भारतीय परंपरा के अनुसार व्यंजन परोसे गए जहां भारतीय संस्कृति का पूरी तरह से ख्याल रखा गया। जिसमे कोशिश की गई की भारतीय परंपरा को दुनिया बेहतर ढग से जाने ।
G 20 सम्मेलन में परोसे गए व्यंजन : विदेशी मेहमानों के लिए खास तरह के व्यंजन तैयार किए गए जिसके लिए बड़े बड़े शेफो को भी लगाया गया । खास तरह के व्यंजन मे चॉकलेट पान, मीठा पान, कटहल गैलेट, कलौंजी रोटी, इलाइची स्वाद की मीठी रोटी, मधुरिमा स्वर्ण कलश , मशरूम , कुटकी , दार्जलिंग की चाय, लीठी चोखा, लाल चावल , मोटे अनाज से बनने स्वादिष्ट व्यंजन और दक्षिण भारतीय व्यंजन आकर्षण का केंद्र बने ।
भारत वाद्य दर्शनम : गुजरात फोक संगीत, राजिस्थानी फोक, जलतरंग कला , बासुरी धुन जैसे पारंपरिक भारतीय सांस्कृतिक संगीत को दर्शाया गया।
शिल्पकला बाजार : भारत मंडप में भारतीय शिल्पकला मूर्तिकला इत्यादि के विभिन्न राज्यों से अलग अलग स्टॉल लगाए गए जिसमे हिमाचल हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्य शामिल हुए। इसमें लुप्त कला को भी प्रदर्शित किया गया।
राजिस्थान से लाख की चूड़ियां, लाख से बने एंटिक और बंधेज आकर्षण का केंद्र रहे ।
बिहार से मधुबनी पेंटिंग प्रदर्शनी में लगाई गई इस पेंटिंग की खासियत यह है की यह पेंटिंग केवल तीन रंगों से बनती है जिसमे लाल पीला और हरा रंग दिया जाता है जो की बिहार के दरभंगा से है।
उत्तरप्रदेश से दिलशाह हुसैन (पद्म श्री प्राप्त) मुरादाबादी शिल्प मटका जिसे बनने में 6 माह तक का समय लगता है प्रदर्शनी में लगाया गया ।
असम से चाय और जलीय टहनियों से बनी शिपकला नागालैंड की मिर्च गुजरात से चरखा इत्यादि जैसी सभी सभी राज्यों की शिल्प वस्तु आकर्षण का केंद्र बनी।
G 20 सम्मेलन: राजघाट
G 20 सम्मेलन की कड़ी में सभी देशों के अधिकारियों मंत्रियो तथा राष्ट्रपति को भारत के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गांधी जी की समाधि स्थल राज घाट के लिए लाया गया जहां उन्हें सर्वप्रथम खादी से बना गमछा दिया गया । जिसके बाद सभी लोगो ने एक साथ गांधी की की समाधि के दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वह उन्होंने गांधी जी से जुड़ी विभिन्न महत्वपूर्ण चिन्हों के भी दर्शन किए । जिसके बाद सभी सदस्य और अतिथि भारत मंडप पहुंचे।
G 20 भारत के विशेष तथ्य
G 20 सम्मेलन की मीटिंग भारत के अलग अलग 60 स्थनों पर हुई।
सम्मेलन में अफ्रीका संघ देश G 20 संगठन में शामिल होने वाला नया देश बना।
सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंची जापान के प्रधानमंत्री कशीदे की पत्नी साड़ी में पहुंची जो की आकर्षण का केंद्र बनी। इसके अतिरिक्त अक्षिता मूर्ति, द्रौपदी मुर्म, शेख हसीना आदि महिलाओं ने भी भारतीय साड़ी वेशभूषा में नजर आई।
यह सम्मेलन भारत के दिल्ली स्थित भारत मंडपम प्रगति मैदान में आयोजित किया गया।
इस आयोजन में भारत यू 0 एस 0 कोरिडोर बनने की घोषणा हुई।
G 20 सम्मेलन आयोजन की अगली अध्यक्षता ब्राज़ील को दी गई।
सम्मेलन के दौरान ऋषि सुनक ने अक्षर धाम मंदिर के दर्शन किए।
भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल बायो फ्यूल अलाइस बनाने पर चर्चा हुई जिसका सभी देशों ने समर्थन दिया ।
इस आयोजन में दिल्ली घोषणा पत्र को भी मंजूरी मिली जिसे भारत की वैश्विक ताकत से जोड़ कर देखा जा रहा है।
भारत आए ब्रेटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक अक्षरधाम मंदिर के दर्शन के लिए भी गए जहां उन्होंने पूरे भक्ति भाव से पूजा अर्चना भी की।
वही मोरिश्स के प्रधानमंत्री जगन्नाथ वाराणसी पहुंचे दर्शन के लिए।
G 20 सम्मेलन में आयोजित रात्रि भोजन का कार्य भार भारतीय शेफ कुनाल द्वारा संभाला गया। जहा एक शेफ की भूमिका में उनके कार्य की सराहना भी हुई।
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Friday, September 8, 2023
G20 summit 2023 India in hindi
Sunday, August 27, 2023
लौकी का हलवा बनाने की रेसिप / तरीका इन hindi
Hello friends अगर आप भी गाजर का हलवा खा - खा कर ऊब चुके हैं और कुछ अलग बनाना चाहते है तो आज मैं आपको लौकी का हलवा बनाना बताने जा रही हूं जो की आपकी सेहत के लिए अच्छी है ही क्योंकि लौकी आपके वज़न कम करने में मदद भी करती है ।
आइए शुरू करते है -
आवश्यक सामग्री
लौकी
दशी घी
शक्कर
काजू
बादाम
पिस्ता
अन्य सूखे मेवे चाहे तो
खोया ऑप्शन
कंडेंस मिल्क
छोटी इलायची
बनने का विधि -
सबसे पहले लौकी को छील कर धो लें और कद्दूकस करलें अब इसे उबलने के लिए रख दें। उबलने के बाद कुछ देर तक थोड़ा सा ठंडा होने दे । अब एक कढ़ाई में घी गर्म करे देशी घी सेहत के लिए अच्छा होता है और अब इसमें लौकी डाले और हल्का सुनहरा होने तक भूनें चाहे तो पकाते समय एक चुटकी इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह से मिलाए। अब इसमें कंडेंस मिल्क डाले और मिलते रहे और अपने स्वादानुसार शक्कर डालकर अच्छी तरह मिला लें।अब अन्त में थोड़ा खोया चाहे तो डाल सकते है नहीं तो मेवे को अच्छी आकृति में काट कर डाल दें , आप साबुत मेवे भी डाल सकते है ।
अब हलवा परोसने के लिए तैयार है ।
टिप -
मेवे को किसी भी पकवान में डालने से पहले हल्का रोस्ट या फ्राई ज़रूर कर दिया करे इससे पकवान जल्दी खराब नही होगा।
लौकी को ज्यादा देर तक नहीं उबालना चाहिए नहीं तो उसका प्राकृतिक हरा रंग नहीं रह जाता है।
धन्यवाद !
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Friday, August 11, 2023
1857 की क्रांति से लेकर देश आजाद होने तक की कहानी तथा क्यों खास है इस बार का 15अगस्त 2023 in Hindi
सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा ये शब्द मात्र नहीं है ये उन वीर क्रांतिकारी के ह्रदय में गुंजायमान ध्वनि है जिसने उन स्वतंत्रता सेनानी को करो या मरो की भावना से भर दिया।
स्वागत है आपका uveeright पर जिसमे आज हम १८५७ की क्रांति स्वतंत्रता दिवस विशेष और और कुछ आजादी के समय के कुछ रोचक तथ्यों पर चर्चा करेंगे ।
१८५७ से लेकर देश आजाद होने तक की कहानी
१८५७: क्रांति की वो चिंगारी जिसने देश की आज़ादी में नील के पत्थर का काम किया। १० मई १८५७ को भारत में आज़ादी के लिए ब्रटिश राज के खिलाफ द्रोह की भावना ने अंग्रेजों ने स्पष्ट रूप से अनुभव किया। जिसमें झांसी की रानी जिनकी कोई पुत्र संतान न होने पर उनका राज अंग्रेज़ हडपना की मंशा रखते थे परंतु अपने राज को अंग्रेजी हुकूमत से बचने के लिए झांसी की रानी ने एक बालक को गोद लिया (हालांकि वह बच्चो से अत्यंत प्रेम करती थी)।तो ब्रटिश सरकार ने एक नया रूल लगी किया कि किसी भी राजशाही में उनकी स्वयं की संतान ही राज्य काज को को आगे बढ़ाएगी अर्थात वही पुत्र उस राज्य का अगला राजा होगा नही तो वह राज्य ब्रटिश सरकार के अधीन हो जाएगा। यह अंग्रेजों की चालाकी ही थी जिससे क्रोधित हो कर रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेज़ो के खिलाफ युद्ध छेड दिया और अपनी अंतिम सांस तक बख़ूबी लड़ते लड़ते अपनी जान की आहूति दे दी ।
वही भगतसिंह जो कि अंग्रेजों की सेना में भर्ती थे लेकिन जब अंग्रेज़ो ने चर्बीयुक्त पिस्टल जिसपर कि गाय के मास का अंश लगाा था जिसे मुँह से काटकर खोलना पड़ता था । तथा अन्य भी आन्तरिक कारण जिसमे भारतीय सैनिक और अंग्रेजी सैनिक में भेदभाव किया जाता था से क्रोधित होकर उन्होंने भी अंग्रेज़ो से बगावत की घोषणा कर दी।
इनके अलावा बेगम हजरत महल तात्या टोपे जैसे अनेक क्रांतिकारियों जिन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया ।जिसने ब्रटिश कंपनी की नींव को हिला कर रख देने का कार्य किया ये सभी अलग अलग कारण से अंग्रेजो से लोहा ले रहे थे परंतु इनका मूल उद्देश अंग्रेजी हुकूमत को नकारना ही था ।
अब ब्रेटिश कंपनी डगमगाने लगी लोग इसके खिलाफ आवाज उठाने लगे थे इन सब के कारण अब भी भारत की सत्ता ब्रेटिश सरकार के हाथो चली गई अब सभी फैसले भारत से दूर ब्रेटिश सरकार से पास होकर आने लगी ।
१८५७ की क्रांति के बाद अंग्रेजो ने विस्तार वादी नीति पर लगाम जरूर लगा इस क्रांति ने भारत के लोगो में स्वतंत्रता की भावना व विश्वास को बढ़ाने का कार्य जरूर किया जिससे प्रेरीत भारत के लोगो में आंदोलन तथा ब्रेटिश सरकार के खिलाफ लोहा लेने की भावना का उदय हुआ।
१९ के दशक के शुरुवात में भी भारत को बंगाल विभाजन का सामना करना पड़ा जिसका कारण सरकार ने बंगाल के बड़े छेत्र के कारण ढंग से कार्य का कर पाना बताया परंतु सच में तो हिंदू तथा मुस्लिम समुदाय को लड़वाने का कार्य किया ताकि अंतरित लड़ाई में सबका ध्यान भटक जाए और सरकार के खिलाफ आवाज को दबाया जा सके ।
इन सभी में महात्मा गांधी जी जब विदेश से लौटे तो उन्होंने देश के लिए चंपारण सत्याग्रह , असहियोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह जैसे विभिन्न आंदोलन कर अंग्रेजो के खिलाफ बुलंद आवाज उठाई सुभाष चन्द्र बोस ने जापान जाकर वह की सरकार से देश की स्थिति पर अपनी बात रखी ऐसा कहा जाता है की ब्रेटिश सरकार के अत्याचारों की बात विश्व भर तक पहुंचने के लिए वह हिटलर से मिलने जर्मनी भी गए इन्होंने देश में आजाद हिंद फौज का भी निर्माण किया । "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा " शब्द इन्ही के मुख से निकले जिसने देश को जोड़ने का कार्य किया । इनके अतिरिक्त लाल बाल और पाल जैसे वीरों ने अपने अपने ढंग से सरकार को धूल चटाई । चंद्र शेखर आजाद ये उन वीर क्रांतिकारी में है जिहोने अंग्रेजो का डट के सामना किया और अन्त में जब एक गोली बची तो वह गोली उन्होंने स्वयं पर चला ली लड़ते लड़ते शाहिद हो गए जिस उम्र में युवा स्वप्न भाव में जीवन जीते है उस समय महज़ २४ वर्ष की उम्र में इन्होंने अंग्रजी हुकूमत से लोहा लेने का कार्य किया और अंग्रेजो की हुकूमत स्वीकार न करने का प्राण लिया और अपनी जान देश के लिए न्योछावर कर दी। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भी बारदौली सत्याग्रह जैसे आन्दोलन शुरू कर दिया थे।
भारत को आजादी दिलाने में महात्मा गांधी , सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह राजगुरु सुखदेव सरदार वल्लभ भाई जैसे विभिन्न क्रांतिकारियों का विशेष रूप से योगदान रहा है जो कि भारत के इतिहास में अमिट योगदान के रूप में याद रखा जायेगा। जिनमे डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर जो की उस समय जातीय पक्षपात के भाव को झेल रहे थे इन्होंने महिला शिक्षा तथा जातीय पक्षपात के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इन्हे भारतीय संंविधान का जनक भी कहा जाता है।
इस स्वतंत्रता संग्राम में कई क्रांतिकारियो को अपनी जान गवानी पड़ी जिसके पश्चात १४ अगस्त की मध्यरात्रि के आस पास प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने देश की आजादी की घोषणा की ।
ये थी १८५७ से लेकर देश की आजादी मिलने तक का सफ़र जिसमे कइयों के आपकी जान गवाकर देश को आजाद कराया उन वीर क्रांतिकारियो को हमारा शतशत नमन ।
आजाद भारत की ७५ वी वर्ष गांठ अमृत महोत्सव काल क्यों है खास
इस बार स्वतंत्रता दिवस विशेष उल्लखनीय हैं क्योंकि ये वर्ष हम आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में तो माना ही रहे है अपितु इस वर्ष G २०, २०२३की अध्यक्षता भी भारत के पास है । जिससे ये स्वतंत्रता दिवस और भी खास हो जाता है। जिस तरह से भारत अपने बढ़ते कदम तकनीकी , विकसित सेना, औद्योगिक विकास और रक्षा क्षेत्र की ओर विकसित हो रहे है इन सब में ये स्वतंत्रता दिवस विशेष रूप से भारत के लिए नवीन कीर्तिमान स्थापित करने में स्मरणीय रहेगा।
भारत क्रांतिकारियो की भूमि रही है परंतु वर्तमान काल में प्रतिभा की खान या यू कहे तो प्रतिभा निर्यातक कहे तो गलत नहीं होगा क्योंकि जिस तरह भारत वासी देश ही नहीं अपितु विदेश में अपना वर्चस्व स्थापित कर रहे है वो भारत के लिए बेहद सम्मान की बात है । वर्तमान काल में आजादी का अमृत महोत्सव भारतवासियों को प्रभावी कौशल प्रशिक्षण आत्मसम्मान की भावना तथा स्वस्थ भारत की परकल्पना से परिपूर्ण है।
इस बार १५ अगस्त आज़ादी के अमृत काल की ७७वर्ष गांठ के साथ समाप्त होगा तथा G २० की अध्यक्षता भी भारत के पास है
। इस वर्ष भारत को अपना नया सांसद मिला तथा भारत में फिर से सिंगौल परंपरा की शुरुवात की गई जो की सच में २०२३ आज़ादी दिवस पर विशेष रूप से स्मरणीय रहेगा।
इसी वर्ष २०२३ में भारत ने चंद्रयान ३ लॉन्च किया ।
अनसुने तथ्य
1) भारत ने बटवारे के समय बाघी टॉस में पाकिस्तान से जीती थी।
2) आज़ादी के समय लाल किले में शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां जी थे।
3) पाकिस्तान अपना आजादी दिवस १४अगस्त को मानता है ।
4) महिलाओं को मताधिकार अम्बेडकर साहब जी ने ही दिलाया था।
5) कोलंबिया विश्वविद्यालय में टॉप १०० सूची में अम्बेडकर साहब १ स्थान पर है ।
जय हिंद जय भारत
धन्यवाद !
Tuesday, June 20, 2023
योगा डे 2023,क्यों खास है इस बार का योगा दिवस in hindi
भारत विभिन्न संस्कृतियों वाला देश है ऐसा कहा जाता है कि भारत की संस्कृति प्राचीन काल से है अत्यंत आत्मनिर्भर था यही आयुर्वेद चिकित्सा की शुरुवात चरक दुवारा की गई ऐसे है ना जाने क्या क्या खोजे भारत में हुए और न जाने कितने तेजस्वी व्यक्तियों ने इस ही धरती पर जन्म लिया । लेकिन उनके अथक प्रयासों और परिश्रम का फल या यूं कहें उसका श्रेय उनको नही मिल सका लेकिन आज वर्तमान समय में भारत एक उभरती अर्थव्यवस्था और नवीन कार्यों के विश्व भर में अपनी प्रसिद्धि प्राप्त कर रहा है
योगा डे की शुरुवात और क्यों खास है भारत के लिए इस बार का योगा डे
जिनमे से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिनके प्रयासों से 27 सितंबर 2014 को अंतरराष्ट्रीय बैठक में अमेरिका ने योगा डे को मंजूरी दी। जिसके परिणाम स्वरूप 21 जून 2015 को पूरे विश्व भर में पहली बार अंतरास्ट्रीय योगा डे मनाया गया।
इस बार का योगा डे भारत के लिए अत्यंत खास होने वाला है क्योंकि इसबार वर्ष 2023 को भारत G -20 की भी मेज़बानी कर रहा है इस दृष्टि से इस बार का योगा डे भारत के लिए बहुत खास हो जाता है क्योंकि योगा डे की शुरुआत भी भारत में ही हुई थी जो कि इस दिन को और खास बनना देता है।
योगा के जनक और कहा से ली गई परिकल्पना
कहते है भारत आस्था से जुड़ा देश है जहाँ विभिन्न प्रकार के धर्म परम्पराये निवास करती है।
देवो के देव महादेव जिहोने अपने जप तप से योग की शुरुआत की इन्ही का ही स्वरूप है भगवान नटराज जिनकी प्रतिमा आज भी विश्व भर के प्रसिद्ध स्थलों पर लगाई जाती है जो नृत्य प्रमियों के लिए बेहद खास है । हालांकि योग का जनक महर्षि पतंजलि को कहा जाता है।योगा की शुरुवात अर्थात उसके जनक महर्षि पतंजलि को माना जाता है जिन्होंने अष्ठांग की सुरुवात की उनके दुवारा ही अल्प प्राण महा प्राण प्रडयाम की शुरुआत की गई । इन्ही के नाम पर महर्षि पतंजलि योगपीठ की शुरुवात की गई।
योगा डे 21 जून को ही क्यों
यदि भौगोलिक दृष्टि से देखे तो इस दिन उत्तरी गोलार्द्ध में दिन सबसे बड़ा होता है जिसके कारण इस दिन का चुनाव किया गया।
थीम:
इस बार 2023 में योगा डे की थीम "वसुधैव कुटुम्बकम" रखी गई है इसके अर्थ है कि पूरी पृथ्वी ही हमारा घर है ।अर्थात हम एक है जो हमे मिलजुल कर रहने का संदेश देती है।
कैसे खास बनाये योग डे
विश्व भर में 21 जून को योगा डे के तौर पर मनाया जाता है । इस दिन सभी व्यक्ति अपने घर की छत, पार्क आदि जगहों पर जाकर खुले में योग करने का का संदेश देते है इस ही तरह बच्चे भी अपने स्कूल कॉलेज में योग करना सीखते है जिसके लिए बड़े बड़े आयोजन भी किये जाते है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस के महत्व को समझ सके ।
बड़ो के लिए योगा : ऐसे तो सूर्य नमस्कार सभी को सीखना चाहिए परंतु किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही सूर्य नमस्कार सीख कर करना जाहिए। इसके अतिरिक्त भ्रामरी प्राणायाम करने के मस्तिष्क को शांति मिलती है आज बढ़ते काम के प्रेशर को देखते हुए हमें भ्रामरी प्राणायाम करना चाहिए।
बच्चों के लिए : बच्चो के लिए ताड़ासन सबसे अच्छा है जो बच्चो के शरीर के बढ़ने में मदद करता है वृक्षआसान आदि भी बच्चो को कराया जा सकता है।
जिनको ज्यादा कुछ नही आता वहा अनुलोम -विलोम , प्रणायाम , त्राटक कर अपना धयान केन्द्रित करना सीख सकते है। और यदि वह यह भी नही कर सकते वह केवल विश्राम अवस्था में बैठ कर ॐ मंत्र का जाप करते हुए अपना ध्यान दोनों भौवो के बीच केंद्रित करने की कोशिश कर सकते ही इसे करने से मन भटकने की समस्या से छुटकारा मिलता है और मन शांत होता है।
इन सबके पश्चात यदि आप इन सब विधियों में स्वयं को सहज महसूस नही कर पा रहे है तो आप साधारण पीटी से भी काम चला सकते है ।
योगा करे स्वस्थ रहे मस्त रहे।
धन्यवाद!
कहा है चंद्रिका देवी मंदिर और क्या है देवी मंदिर की महीमा जानने के लिए क्लिक करें।
मैक्सिकन सैलेड इन Hindi
Hello friends स्वागत है आपका uveeright पर आज वर्तमान समय में दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के व्यंजन का स्वाद उपलब्ध है। जहां व्यक्ति चाहता है की दुनियां के विभिन्न स्वाद उसे पता हो आज हम एक ऐसी ही रेसिपी के बारे में बताने जा रहे है जो स्वादिष्ट होने के साथ साथ स्वस्थ के लिए भी अच्छी है जिसका नाम है मैक्सिकन सैलेड।
तो आइए शुरू करते है
मैक्सिकन सैलेड
सामग्री
सैलेड की ड्रेसिंग के लिए :
एक्स्ट्रा वर्जिन अलिव ऑयल
जीरा
क्रश सूखे अजविन के पत्ते
नींबू का रस
चिली फ्लैक
नमक
सलाद के लिए आवश्यक सामग्री :
लेटस लीफ
आवकडो
टमाटर
उबला राजमा
भुट्टे के दाने / कॉन उबला
पासले लीफ
सैलेड बनने का तरीका
सबसे पहले एक बाउल में ऑलिव ऑयल डाले अब उसमे जीरा , सूखे अजविन की पत्ती , चिली फ्लैक , और नमक डाल कर ड्रेसिंग तैयार कर ले । अब लेट्स लीफ , टमाटर , आवकदो को अपने खाने लायक तरीके से कट कर ले, अब इन सब्जियों को एक बाउल में डाल ले उसमे उबला राजमा , उबला कॉन / भुट्टे के दाने डाल ले अब इसमें तैयार ड्रेसिंग डाल कर मिला लें बेसल लीफ डाल कर परोसे ।
खुश रहे मुस्कुराते रहे ।
धन्यवाद !
Wednesday, June 7, 2023
कालीचरण पीजी कॉलेज in hindi
12 पास करने के बाद हर बच्चे तथा उनके माता पिता के मन में यही सोच होती है कि वह अपने बच्चे का दाखिला ऐसे कॉलेज में करवाये की उनका चहुमुखी विकास हो सके तथा उन्हें अच्छी कैरियर गाइडेन्स भी मिल सके इसमे लखनऊ के विभिन्न कॉलेज में से एक कालीचरण पी जी डिग्री कॉलेज एक है जहाँ बच्चो के लिए विभिन सुविधाएं उपलब्ध हैं।
लखनऊ के चौक स्थित इस महाविद्यालय की स्थापना 1906 में प्राथमिक पाठ शाला के रूप मे हुई थी फिर 1973 में इसे महा विद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ । यह से शिक्षा ग्रहण करने वालो में मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन , साहित्यकार अमृतलाल नागर, इतिहासकार बैजनाथ पूरी ने यही से है शिक्षा ग्रहण की इनके अलावा डॉ वी के टंडन न्यायमूर्ति यू के धवन तथा अन्य महानुभूतियों ने यही से ही शिक्षा प्राप्त की । लखनऊ चौक स्थित कालीचरण पीजी डिग्री कॉलेज जो लखनऊ के पुराने विद्यालयो में से एक हैं यह विद्यालय अब तक अपनी 110 से ज्यादा वर्षगांठ मना चुका है ।
किन किन कोर्स के लिए दाखिले
स्नातक डिग्री , परास्नातक डिग्री से संबंधित विभिन कोर्स उपलब्ध है जिनमे बी.ए , बी . कॉम , बी एस सी, बी जे एम सी, तथा परास्नातक में एम. ए , एम कॉम जैसे कोर्स उपलब्ध है।
इन सब के अतिरिक्त बी . एड , जैसे अन्य कोर्स की भी पढ़ाई उपलब्ध हैं
यहाँ बच्चो को गाइड करने के लिए समय समय पर सेमिनार जिसे कार्यक्रम भी होते है इसमें बच्चों को भविष्य के लिए तैयार होने तथा उनके लिए गाइडेंस भी प्रदान की जाती है। जिसमे योग्य बच्चो के लिए प्लेसमेंट भी दिया जाता है।
अभ्युदय योजना
कालीचरण पी जी डिग्री कॉलेज जो कि उन चंद कॉलेज में से एक है जहाँ अभियुदय योजना के तहत बैंक , tgt , pgt , ssc , pet जैसे विभिन परीक्षाओ की तैयारी करवाई जाती है ।
खेल / पर्यावरणीय प्रभाव
इस कॉलेज का वातावरण अत्यंत हरियाली से युक्त है यह पार्किंग की भी अच्छी व्यवस्था है ।यहां विभिन्न प्रकार के खेल संबंधित प्रोग्रामो को भी प्रोत्साहन दिया जाता है । यहां बच्चो को खेल संबंधित गतिविधियों के लिए अच्छे मैंदान भी बने हुए है।
परिसर में स्थित मंदिर का रहस्य
ऐसा कहा जाता है कि इस कॉलेज में स्थित सरस्वती माता का मंदिर है जहाँ पूरे भक्ति भाव से माता को याद करने तथा उनके समक्ष ताली बजाने से उनके वाद्ययंत्र की ध्वनि तरंगे स्पष्ट रूप से सुनाई देती है ।
टीचिंग स्टाफ
यहाँ विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए पर्याप्त अध्यापक कार्यरत है। विद्यालय में विभिन्न प्रकार के कोर्स के लिए तथा विभिन्न विभागों के लिए अच्छी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की व्यवस्था देखी जा सकती है जहां ऑनलाइन टीचिंग की भी व्यवस्था तथा उपकरण मौजूद है ।यहाँ अच्छी पुस्तकालय की भी व्यवस्था है।
कालीचरण महाविद्यालय कैसे पहुंचे
कालीचरण पी जी डिग्री कॉलेज जो कि हरदोई रोड स्थित टंडन मार्ग चौक स्थित लखनऊ उत्तर प्रदेश में स्थित हैं।यहाँ पहुचने के लिए आपको ज़्यादा किसी कठनाइयों का सामना नही करना पडेगा यहाँ आप लखनऊ आकर किसी भी लोकल साधन का प्रयोग करके पहुँच सकते है। यहाँ के लिए आपको पक्का पुल होते हुए चंद मिनटों में आ सकते है इसके अतिरिक्त चौपटिया , अमीनाबाद , चारबाग़ होते हुए भी कही से आसानी से पहुँच सकते है । यहाँ के लिए विभिन्न मार्ग खुले हैं।
विद्यालय परिसर में लगी लालजी टंडन की प्रतिमा
कालीचरण महाविद्यालय में ११अप्रैल २०२३ को स्वयं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी जी ने इस प्रतिमा का अनावरण किया था। जोकि कांसे तथा मिश्रित धातु से मिलकर बनी है।
कालीचरण शुल्क विवरन
प्लेसमेंट की व्यवस्था
महाविद्यालय में बच्चो को उपयुक्त शिक्षा और आवश्यक ट्रेनिग भी प्रदान करने की व्यवस्था समय समय पर की जाती है तथा उनमें से कुछ काबिल बच्चे अपना मुकाम भी हासिल कर ले जाते हैं। जहां उन्हें अपने अनुरूप नौकरी करने का अवसर भी प्राप्त होता
ऐसी ही जानकारी पाने के लिए हमसे जुड़े रहे ।
धन्यवाद!
Sunday, May 28, 2023
महामारी दिवस,महामारी पर चर्चा क्यों इतना ज़रूरी in Hindi
आज हम बहुत ही आवश्यक बात पर चर्चा करने वाले है उससे पहले हमें ये समझना जरूरी है कि क्यों इतना आवश्यक है इस विषय पर चर्चा करना ।
स्वागत है आपका uveeright पर आज 28 मई है आज पूरे भारत में ये दिन महामारी दिवस के नाम से जागरूकता की दृष्टि से मनाया जा रहा है। ये विषय आधुनिक भारत की दृष्टि से जितना आवश्क है उतना संजीदगी भरा भी है।
महामारी पर चर्चा क्यों इतना ज़रूरी
जैसा कि हम जानते है कि वर्तमान समय जहाँ आज हम आधुनिक भारत के सपने देख रहे है वही हम अभी भी मासिकधर्म संबंधित जैसी समस्याओं पर चर्चा करने से हिचकिचाहट महसूस करते है । जब हम इन्ही समस्याओ से ही जूझते रहेंगे तो कैसे आधुनिक भारत का सपना देख सकते है । महिलाएं ही विश्व जननी है यदि वही ही स्वयं आत्मनिर्भर नही होंगी , स्वयं को सम्मानित महसूस नही करेंगी तो आधुनिक भारत का सपना भी अधूरा ही माना जायेगा । अब जहाँ तक बात है महिलाओं की आत्मनिर्भरता की जिस समय से स्त्री पुरुष को एक मनुष्य के भांति समझा जाएगा महिलाओं को भी उनकी मर्जी से बराबरी का हक मिलना शुरू हो जाएगा महिलाएं खुद ही आत्मनिर्भर होने भी लगेंगी और महसूस भी करेंगी।
महामारी एक ऐसी समस्या है जिस पर शुरुवाती समय से ही शरमाहत और हिचकिचाहट का विषय मान लिया गया है जिसमे चुप रहो , शांत रहो , किसी को मत बताना जैसे शब्द शामिल है । कभी कभी तो महिलाएं कोई समस्या होने पर भी डॉक्टर से इलाज नही करवाती केवल मिथ्या और सच कहा जाए तो सामाजिक माहौल की वजह से भी , जिसमे कभी कभी तो समस्याएं इतनी गंभीर हो जाती है कि महिलाएं कई बीमारी को झेलती रहती है या कितनो की तो जान भी चली हाती है ।
अब जब बात आती है अपनी पीड़ा को सबके समक्ष रखने की तो कई ऐसे एन 0जी 0 ओ0 , सामाजिक संस्थान जिसमे सरकारी और गैर सरकारी संस्था भी शामिल है जो महिलाओं की इस पीड़ा को कम करने उनको समझने में कार्यरत है लेकिन इन सब में महिलाएं पुरुष प्रधान से इस बात पर चर्चा करना पसंद नहीं करती जिसमे देखा जाए कोई बड़ी बात नही है आज हम कहते है कि हमे महिला पुरुष के अंतर को कम करने के लिए ये सब ज़रूरी है हमे बिना किसी शर्म और हिचकिचाहट के साथ सभी के साथ अपनी बात रखनी चाहिए । लेकिन देखा जाए तो इतना महिला पुरुष होने का सबसे बड़ा कारण महिला अशिक्षा , पुरुष डॉक्टर की संख्या में वृद्धि महिला डॉक्टर की अपेक्षा। महिला शिक्षा पर ध्यान दिया जाए तो ये सब अंतर स्वयं ही समापत हो जाएंगे आवश्यक है " हम मनुष्य जाति की शिक्षा पर विशेष ध्यान दे"
शिक्षा का महत्व
कही न कही अशिक्षा महिला पुरुष का अंतर जो अपना मार्ग भटक कर हर चर्चा का केंद्र बन जाती है । यदि हम एक शिक्षित मनुष्य (व्यक्ति) का सपना देखे तो स्वत ही सभी अंधविश्वास हिचकिचाहट जैसी समस्याएं समाप्त होने लगेंगी।
क्यों ज़रूरत पड़ी मासिक धर्म दिवस की
मासिकधर्म की समस्या के लिए एक दिन मनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी क्या ज़रूरत थी कि इस जागरूकता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मंचन तक किये गए क्योंकि ज़रूरत थी क्योंकि उन महिलायों को बचाया जा सके जो अपने दर्द को बिना किसी को बताए सह जाती है , कितनी ही महिलाओं को चुप रहने के कारण अपनी जान तक गवानी पड़ी क्योंकि बड़ी बड़ी बीमारियां वह गोपनीय ढंग से झेल रही थी। जिसमे महिलाओं का अहित छुपा हुआ था । जिसे समझते हुए कई महिलाओं ने हिम्मत से काम लेते हुए अपने दर्द को बिना हिचकिचाए समाज के सामने रखा, जिसमे गेनोलॉजिस्ट सामाजिक संस्थाओं के अथक प्रयास से महिला को जागरूक करने का काम किया जा रहा है वो भी पूरे सम्मान के साथ लेकिन अंत में शिक्षा से असंभव दिखने वाले काम भी संभव होने लगते है। तो शिक्षा सबसे ज़रूरी है।
महामारी और स्वास्थ्य
महामारी एक मासिक चक्र है जो प्रति माह किसी महिला को होता है जिसमे महिलायो को दर्द और अन्य समस्याओं से भी जूझना पड़ता है ।इसमे महिला यदि अत्यंत दर्द या असामान्य सी समस्या महसूस कर रही है उसे अपनी गेनोलॉजिस्ट से ज़रूर परामर्श लेना चाहिए।इसके अतिरिक्त सनेटरी पैड का इस्तेमाल करना
बढ़ती आधुनिकता के साथ मिलावटी भोजन, ज़्यादा फैटी भोजन, और मासिक चक्र संबंधित समस्याओ को बढ़ावा दे रही है इस समय इकोफ्रेंडली भोजन हमारी पहुँच से और दूर होता जा रहा है।हमे कोशिश करना चाहिए कि ज़्यादा से ज़्यादा हरी सब्जियों , मिल्क , छाछ जैसी चीज़ों का ज़्यादा प्रयोग किया जाए ।
धन्यवाद !
Thursday, May 25, 2023
हनुमान जी ने दिए दर्शन हनुमानजी जी के चरणों के चिन्ह हुए अवतरित in hindi
फ़ाइल फ़ोटो
स्वागत है आपका uveeright पर ज्येष्ठ का महीना चल रहा है और भगवान हनुमान अपने भगतो को दर्शन देने के लिए विशेष रूप से अवतरित हो चुके है हालांकि भगवान को जब पुकारो वह आपके के कष्टो को हरने के लिए हाजिर रहते है ।
यदि भगत की भावना सच्ची हो तो भगवान भी अपने भगतो के लिए व्याकुल हो उठते है ऐसा ही एक वाक्या दिन वृस्पतिवार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सआदत गंज निवासी विनोद प्रजाति के यहाँ भी देखने को मिला जो की पेशे से एक परचून की दुकान चलाते है , उनका कहना है कि जब उनकी पत्नी सुबह - सुबह अपने घर में पोछा लगा रही थी तब उनकी नज़र एक आकृति पर पड़ी लेकिन तब तक तो सब सामान्य ही था जब उन्होंने उनकी सारी कोशिश नाकाम हो गयी तब वह समझ गए कि ये कोई सामान्य सी घटना नही है यह स्वयं भगवान हनुमान जी के चरणों की ही आकृति है जिन्होंने स्वयं उनके घर आकर दर्शन दिए है तब वह स्वयं ही उनके चरणों में नकमस्तक हो गए
और उनका परिवार खुशी से प्रफुल्लित हो गया कि भगवान ने स्वयं ही उनके घर में दर्शन दिए है जब उन्होंने यह बात अपने इलाके के लोगो को बताई तो लोगो को उनकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ और लोग उनके घर जाकर देखने लगे किसी को भी अपनी आँखों पर विश्वास नही ही रहा था लेकिन सच सबकी आखो के सामने था। तब से उनके घर में नाते रिश्तेदार और अन्य लोगो का आना जाना लगा हुआ है हर कोई दर्शन करने का अभिलाषी नज़र आ रहा है उनका भी यही कहना है कि ये भगवान के ही चरण है । उनके भगत उनके चरणों को उनके भगवान की महिमा मान उन्हें पूज रहे है । और कह रहे है की भगवान ने उनको दर्शन दिए है
कहते है भगत की भक्ति के आगे विज्ञान भी फेल है अब जो भी हो उनके भक्त बहुत खुश है कि भगवान ने स्वयं उनके यह उन्हें दर्शन दिए ।
ज्येष्ठ महीने की महिमा
ज्येष्ठ का महीना भगवान हनुमान को समर्पित है ऐसी मान्यता है कि इस माह के मंगलवार और शानिवार को विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा की जाती है जिससे मंगल देवता और शनि देवता के कष्टो से शांति मिलती है ।
उत्तरप्रदेश लखनऊ में ज्येष्ठ महीने में भगवान हनुमान की विशेष पूजा अर्चना की जाती है उसमें जगह -जगह भण्डारे का भी आयोजन किया जाता है।
ये सब तथ्यों पर आधारित है इस पर हम कोई दावा नही करते ।
Friday, May 19, 2023
गर्मियों में बनाये टेस्टी फ्रूट सैलेड फ्रूटी नमकीन चटपटा रायता इन हिंदी in Hindi
Hello Friends जैसा कि अब गर्मियों के मौसम आ गया है ।दोपहर के समय गर्म हवा चलने लगी है जिसे हम लू भी कहते है एसे में अपने शरीर को डी - हाईड्ररेशन से बचाने के लिए और अपनी छोटी छोटी भूख को कम करने के लिए आज आपको एक बहुत ही टेस्टी और हेल्थी डिश बताने जा रही हूं जिसका नाम है
फ्रूट स्लेड / फ्रूटी नमकीन चटपटा रायता
जिसके लिये आपको चाहिए -
सामग्री
आवश्यकतानुसार - तरबूज़
खरबूजा
कीवी टांगी टेस्ट के लिए
पपीता न कहे तो छोडे
केला
खीरा
ड्रेगन फ्रूट
अनार दाना
काला नमक
पिसी शक्कर ऑप्शन
ठंडा दही
चाट मसाला
पुदीना के पत्ते
इन सब के अलावा अगर आप कोई और फल डालना चाहे तो वो भी डाल सकते है। और कोई न डालना चाहे तो वो भी कर सकते है।
बनाने की विधि -
सबसे पहले आपको एक बाउल या बर्तन लेना है जिसमे आप आसानी से चला सके। फिर आपको इस बर्तन में सभी फल जो आपने लिए थे जैसे खीरा , तरबूज , खरबूजा , अनार दाना आदि । अब इन सबको एक बाउल में ले फिर उसमें दही , काला नमक , पिसी शक्कर , चाट मसाला डाल कर मिला ले। फिर ऊपर से पुदीना के पत्ते डाल लें गर्मियों में पुदीना के पत्ते सेहत के लिए भी अच्छा होता है। और कुछ देर के लिए फ्रीज़ में ठंडा होने के लिए रख दे फिर ठंडा ठंडा परोसे ।
खुद भी खाए और दोस्तो को भी खिलाये ।
अपना ख्याल रखिएगा
Thank you 😊
























